आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा “देश का प्रकृति परीक्षण अभियान संपूर्ण देश में दिनांक 26 नवंबर 2024 से 25 दिसंबर 2024 तक आयोजित किया गया था। अभियान का उद्धेश्य 18 वर्ष से ऊपर के सभी नागरिकों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उनकी प्रकृति के अनुसार उचित आयुर्वेदिक सलाह देना है। अभियान के दौरान पंजीकृत नागरिकों को प्रकृति के अनुसार जीवन शैली सुधारने, गैर संचारी रोगों से बचाव के लिये ऋतुचर्या, दिनचर्या और योग का पालन करने का सुझाव समय समय पर दिया जायेगा। आयुष मंत्रालय द्वारा आयोजित इस अभियान ने एक साथ एक ही उद्धेश्य पर विश्वरिकार्ड स्थापित कर गिनीज बुक आफ रिकार्ड में एक अपूर्व रिकार्ड स्थापित किया है। एक माह में आयुर्वेदिक विशेषज्ञों द्वारा 1 करोड़ 30 लाख से अधिक नागरिकों का प्रकृति परीक्षण किया गया। विगत 20 फरवरी 2025 को इस रिकार्ड के लिये पुरूस्कार वितरण समारोह एन. सी. पी. ए. के जमशेद की भाभा आडीटोरियम मुंबई में आयोजित किया गया। पुरूस्कार वितरण समारोह में आयुष मंत्री भारत सरकार श्री प्रताप राव जाधव जी, पद्मश्री बैद्य राजेश कोटेचा आयुष सचिव भारत सरकार, महाराष्ट्र के आरोग्य मंत्री श्री प्रकाश अंबटकर, एन. सी. आई. एस. एम. के अध्यक्ष बैद्य जयंत देवपुजारी, रेटिंग बोर्ड के अध्यक्ष वैद्य रघुराम भट्ट जी, आयुर्वेद बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. बी. एस प्रसाद जी, रजिस्ट्रेशन बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. राकेश शर्मा जी प्रमुख रूप से उपस्थित थे। इस अवसर पर एल. एन. आयुर्वेदिक महाविद्यालय को देश के प्रकृति परीक्षण कार्य में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु पुरूस्कृत किया गया। ज्ञात्व्य है कि एल. एन. आयुर्वेद महाविद्यालय ने एक माह में 119.99 के स्ट्राईक रेट के साथ कुल 69371 प्रकृति परीक्षण किये गये एवं मध्यप्रदेश में द्वितीय स्थान का पुरूस्कार प्राप्त किया। इस अभियान में मध्यप्रदेश देश में पांचवे स्थान पर रहा। महाविद्यालय की इस उपलब्धी पर आयुष मंत्री श्री प्रताप राव जाधव जी एवं एन. सी. आई. एस. एम. के चेयरमेन वैद्य जयंत देव पुजारी ने महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सपन जैन एवं निर्देशक डॉ. विशाल शिवहरे को ट्राफी एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया एवं हार्दिक बधाई देते हुये उत्कृष्ट कार्य की सराहना की। महाविद्यालय के प्राचार्य ने इस सफलता का संपूर्ण श्रेय, माननीय डॉ. अनुपम चौकसे, सचिव एल.एन.सी.टी ग्रुप के नेतृत्व में किया गया तथा विश्वविद्यालय प्रबंधन टीचिंग स्टाफ एवं छात्रों को दिया। डॉ. सुरेन्द्र सिंह राजपूत, डॉ. निकेतन समैया, डॉ. रविकांत गुप्ता, डॉ. समीर पान, डॉ. विजय एवं चिकित्सालय के प्रशिक्षार्थी ने देश प्रहरी सुरक्षा बलों का प्रकृति परीक्षण कर देश हित में अपना अमूल्य योगदान दिया।