एसोसिएशन ऑफ टेक्नीकल प्रोफेशनल इंस्टीट्यूट (एटीपीआई) और एलएनसीटी यूनिवर्सिटी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित छात्र-शिक्षक संवाद कार्यक्रम में भारतीय ज्ञान परंपरा और व्यावसायिक/तकनीकी शिक्षा के एकीकरण पर विचार विमर्श किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मध्यप्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार थे ।
एसोसिएशन ऑफ टेक्नीकल प्रोफेशनल इस्ट्रीट्यूट (एटीपीआई) के चेयरमैन डॉ अनुपम चौकसे ने पुष्पगुच्छ भेंट कर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मध्यप्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार का स्वागत किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मध्यप्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि भारतीय सनातन परंपरा का अपना इतिहास है। सनातन परंपरा में जितने अविष्कार हुए है, उन अविष्कारों ने ही विकास संभव हो पाया है। उन्होने भारतीय गुरूकुल परंपरा का जिक्र करते हुए कहा कि इस परंपरा से न सिर्फ गुरू और शिष्य़ के बीच संबंधों का पता चलता है, बल्कि यही शिक्षा व्यवस्था से भारत विश्व गुरू बन पाया था। उन्होने हिंदी भाषा के महत्व को रेखाकिंत करते हुये कहा कि विध्वंसकारी ताकतों से निपटने का एक मात्र साधन शिक्षा में सुधार की प्रक्रिया है।
कार्यक्रम में एलएनसीटी यूनिवर्सिटी के चांसलर श्री जे.एन. चौकसे मुख्य रूप से मौजूद रहे। इसके अलावा कार्यक्रम में ओरिंय़टल ग्रुप ऑफ कालेज के श्री प्रवीण ठकराल, एटीपीआई के उपाध्यक्ष श्री बी.एस यादव, सचिव श्री मुकेश पाटीदार समेत एटीपीआई के बड़ी संख्या में सदस्य मौजूद रहे।
कार्यक्रम के दौरान एटीपीआई के चेयरमैन डॉ अनुपम चौकसे ने कहा कि मध्यप्रदेश के व्यावसायिक संस्थानों का हमेशा इस बात पर जोर रहा है कि तकनीकी शिक्षा को भी भारतीय ज्ञान पंरपरा से जोड़कर अध्ययन प्रक्रिया अपनायी जाये, ताकि छात्रों के कौशल विकास के साथ ही उनमें भारतीय ज्ञान पंरपरा के बारे में जानकारी हो और वे अपनी सनातन परंपरा से जुड़ पाये। कार्यक्रम में एलएनसीटी यूनिवर्सिटी के कुलगुरू प्रो. (डॉ) एन.के.थापक समेत विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष और बड़ी संख्या में विभिन्न व्यावसायिक संस्थानों से विद्यार्थी शामिल हुए।