16 नंबवर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस के मौके पर प्रेस की स्वतंत्रता का संवैधानिक संदर्भ और व्यावहारिक आयाम विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन एलएनसीटी यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मॉस कम्यूनिकेशन ने किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में विकास संवाद के डायरेक्टर और संवैधानिक मूल्यों पर गहन अध्ययन करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता सचिन जैन और वरिष्ठ पत्रकार पंकज शुक्ला विशेष रूप से शामिल किया। कार्यक्रम की शुभारंभ सरस्वती वंदना के साथ हुआ। इस मौके पर विकास संवाद के डायरेक्टर सचिन जैन ने आजादी के पहले, आजादी के बाद और वर्तमान दौर में प्रेस की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की। उन्होने अपने उद्बोधन में कहा कि जरूरी नहीं कि सरकारी तौर पर प्रेस को स्वतंत्रता मिले, लेकिन पत्रकार संवैधानिक मूल्यों का पालन कर प्रेस की आजादी का संरक्षण कर सकते है। उन्होने विद्यार्थियों से अपील की, कि आप क्या लिख रहे है, क्या पढ़ रहे है और किसी विषय पर की गहनता के साथ परीक्षण कर रहे है और किस प्रकार से अपनी लेखनी के माध्यम से संवैधानिक मूल्यों का संरक्षण कर रहे है, यह बहुत मायने रखता है। कार्यक्रम के दौरान सुबह सबेरे समाचार पत्र के संपादक पंकज शुक्ला ने पत्रकारिता के क्षेत्र मे अपने अनुभवों को साझा दिया। उन्होने कहा कि विचारों, आदतों में यदि संवैधानिक मूल्य आ जाते है तो पत्रकारिता के मायने ही बदल जाते है। कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता श्री मति रश्मि जैन भी मौजूद रही। कार्यक्रम के दौरान स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मॉस कम्यूनिकेशन की विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ) अनु श्रीवास्तव ने स्वागत भाषण के दौरान विषय की महत्वता पर प्रकाश डाला।