भोपाल के स्कूल ऑफ फिजिकल एजुकेशन द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन “नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन फिजिकल एजुकेशन इन कॉन्टेक्स्ट विद स्पेशल इंटरडिसिप्लिनरी साइंसेज़ (NCPECSIS-2025)” का आज विश्वविद्यालय परिसर के सभागार में सफलतापूर्वक समापन हुआ।
इस सम्मेलन में देश के 12 राज्यों से आए शोधार्थियों एवं विषय-विशेषज्ञों ने अपने शोध-पत्र प्रस्तुत किए। शारीरिक शिक्षा के साथ-साथ पैरामेडिकल, आयुर्वेद, योग एवं डेंटल साइंसेज़ जैसे अंतःविषयक क्षेत्रों की प्रासंगिकता पर विशेष विचार-विमर्श हुआ।
समापन अवसर पर उत्कृष्ट शोध प्रस्तुत करने वाले प्रतिभागियों को मुख्य अतिथि एवं कुलपति प्रो. डॉ. एन. के. थापक द्वारा स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक प्रदान किए गए।
स्वर्ण पदक विजेताओं में —
मिस्वाह खान ने “Mucoid Degeneration after ACL Injury and its Physiotherapy Management: A Case Study” शोध-पत्र प्रस्तुत कर सराहना प्राप्त की।
रेनु यादव (रिसर्च स्कॉलर) ने “राज्य स्तरीय बैडमिंटन खिलाड़ि़यों के लिए ब्रोंको (Renko) टेस्ट से शारीरिक फिटनेस का आकलन” विषय पर शोध प्रस्तुत किया। उन्होंने यह गौरव भी अर्जित किया कि वे इस विषय पर शोध-पत्र प्रस्तुत करने वाली भारत की पहली महिला शोधार्थी बनीं।
डॉ. प्रियल जैन/ऋषिराज डेंटल कॉलेज ने “Prosthodontically Driven Sports Dentistry: A Multidisciplinary Approach to Oral Rehabilitation and Athletic Performance” विषय पर अपनी प्रस्तुति दी।
इसके पश्चात प्रो. अजयपाल उपाध्याय की अध्यक्षता में सामूहिक चर्चा का आयोजन हुआ, जिसमें डॉ. सी. पी. सिंह भाटी, डॉ. अनुरोध सिंह सिसोदिया, डॉ. दिव्या खरे, डॉ. देव प्रकाश,पुष्कर बोहरा, डिम्पल पंडुजदास सहित अन्य विशेषज्ञों ने सक्रिय भागीदारी की।
सम्मेलन के तकनीकी अध्यक्ष प्रो. राजेश त्रिपाठी तथा समन्वयक डॉ. पी. एस. दारा (असिस्टेंट प्रोफेसर, स्कूल ऑफ फिजिकल एजुकेशन, एलएनसीटी विश्वविद्यालय) के योगदान को विशेष रूप से सराहा गया। डॉ. दारा को विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से प्रशस्ति-पत्र एवं स्मृति-चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया गया।
समापन अवसर पर आयोजन सचिव पंकज कुमार जैन ने कहा कि “पिछले 22 वर्षों में यह पहला अवसर है जब इतने बड़े स्तर पर इस तरह का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया है।” उन्होंने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों एवं सहयोगियों का आभार व्यक्त करते हुए सम्मेलन को सफल बनाने के लिए धन्यवाद ज्ञापन किया।