बीएमए शेपिंग यंग माइंड्स कार्यक्रम आयोजित LNCT University | Best Private University in Central India

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बीएमए के शेपिंग यंग माइंड्स कार्यक्रम में 800 से अधिक स्टूडेंटस को मिला देश की विशिष्ट हस्तियों का मार्गदर्शन युवाओं की सहभागिता से 2047 के पहले ही भारत बनेगा विकसित राष्ट्र: वोहरा

भारत युवाओं का देश है और युवाशक्ति ही हमारी ताकत है। इन युवा पेशेवरों की सहभागिता से ही साल 2047 से पहले ही भारत विकसित राष्ट्र बन जाएगा। लेकिन इसके लिए युवाओं को आगे बढ़कर राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभानी होगी। ये बात गुरुवार को लेसोथो, दक्षिण सूडान और लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद में प्रधानमंत्री के राजदूत और विशेष सलाहकार के रूप में कार्यरत डॉ. दीपक बोहरा ने कही।

डॉ. बोहरा ने भोपाल मैनेजमेंट एसोसिएशन (बीएमए) द्वारा एलएनसीटी सभागार में आयोजित शेपिंग यंग माइंड्स कार्यक्रम को संबोधित किया। इस कार्यक्रम में विभिन्न कॉलेजों के करीब 800 से अधिक स्टूडेंट उपस्थित रहे। इस दौरान प्रबंधन और इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों को डॉ. वोहरा ने अपने ओजस्वी उद्बोधन में बताया कि किस प्रकार पेशेवर युवा राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दे सकते हैं। भारत कर रहा दुनिया के 150 देशों की सहायता डॉ. वोहरा ने कहा कि अपना पेट काटकर दूसरों की सहायता करना भारत की परंपरा रही है। यही कारण है कि हम आज भी दुनिया के 150 देशों की सहायता कर रहे हैं।

भारत दुनिया की तीसरी बड़ी सैन्य शक्ति है। आज हमारे पास स्वयं की बनाई अग्नि प्राइम जैसी मिसाइल है। सबसे बड़े गर्व की बात ये है कि इस स्वदेशी मिसाइल को हमारी भारत की ही एक बेटी ने बनाया है। उन्होंने कहा आज हम जिस तरह तेजी से विकास कर रहे हैं, उससे लगता है कि हम 2047 के पहले ही विकसित राष्ट्र बन जाएंगे।

डॉ वोहरा ने बताया कि आज देशभर की 140 कंपनियां स्पेस कार्यक्रम में हिस्सा ले रही हैं। हर सेकंड में 5 हजार डिजीटल ट्रांजेक्शन हो रहे हैं। देश के 1400 कॉलेज एआई का प्रशिक्षण दे रहे हैं। प्रतिदिन 28 किलोमीटर हाईवे का निर्माण, एक साल में 8 एयरपोर्ट का निर्माण और हर साल 02 मेट्रो का निर्माण हमारे विकास की गति का प्रमाण है। लीक से हटकर सोचें: रिचर्ड सुबह सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। पहले सत्र में उद्यमी बोर्ड के सदस्य और पूर्व सीईओ रिचर्ड रेखी ने युवाओं को संबोधित किया। आरंभिक सत्र का संचालन डॉ निष्ठा त्यागी और डॉ प्रशांत गंगराडे ने किया।

आभार प्रदर्शन राजीव अग्रवाल ने किया। रेखी ने कहा कि सफलता का सबसे बड़ा मंत्र है लीक से हटकर सोचना। आपके मन में नवोन्वेषी विचार आना चाहिए और इसी आधार पर जीवन में निवेश करें। सफलता के लिए असफलता का जश्न मनाना जरूरी है। सफलता के लिए देखें सपने: मणि इसके बाद दूसरे सत्र में कोच फैक्ट्री के पूर्व महाप्रबंधक सुधांशु मणि ने वंदे भारत प्रोजेक्ट के अनुभव साझा कर लीडरशीप और टीम वर्क को लेकर मार्गदर्शन दिया। सफलता के लिए छात्रों से सपने देखने की अपील की और कहा कि अधिक संभावनाओं का सपना देखें, शुरुआतकर्ता बनें, अपने संगठन और काम से प्यार करें। यदि उत्साह के साथ बदलावों को अपनाएंगे तो आप ऊंचाइयों को छू सकेंगे। आत्मविश्वास और मेहनत सफलता के मंत्र: डॉ. शिखा दोपहर के सत्र में न्यूट्रवेल हेल्थ इंडिया लिमिटेड की संस्थापक डॉ. शिखा नेहरू शर्मा ने कहा कि सफल होने में समस्याएं भी आपकी मददगार बनती हैं।

समस्याओं से निपटने के लिए आत्मविश्वास और मेहनत दो ऐसे मंत्र हैं, जो समस्याओं को सफलता में बदल देते हैं। इस दौरान उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए छात्रों को सफलता के टिप्स दिए। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने कॉलेज में अपने साथ हुई रैगिंग के खिलाफ आवाज उठाई और उन छात्रों को भी प्रोत्साहित किया जो अंतर्मुखी हैं। कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञों के साथ पैनल डिस्कशन भी हुआ। इस दौरान विशेषज्ञों ने उपस्थितजनों से सवाल-जवाब के माध्यम से संवाद भी किया। शाम को आभार प्रदर्शन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

बीएमए के शेपिंग यंग माइंड्स कार्यक्रम में 800 से अधिक स्टूडेंटस को मिला देश की विशिष्ट हस्तियों का मार्गदर्शन युवाओं की सहभागिता से 2047 के पहले ही भारत बनेगा विकसित राष्ट्र: वोहरा भोपाल। भारत युवाओं का देश है और युवाशक्ति ही हमारी ताकत है। इन युवा पेशेवरों की सहभागिता से ही साल 2047 से पहले ही भारत विकसित राष्ट्र बन जाएगा। लेकिन इसके लिए युवाओं को आगे बढ़कर राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभानी होगी। ये बात गुरुवार को लेसोथो, दक्षिण सूडान और लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद में प्रधानमंत्री के राजदूत और विशेष सलाहकार के रूप में कार्यरत डॉ. दीपक बोहरा ने कही।

डॉ. बोहरा ने भोपाल मैनेजमेंट एसोसिएशन (बीएमए) द्वारा एलएनसीटी सभागार में आयोजित शेपिंग यंग माइंड्स कार्यक्रम को संबोधित किया। इस कार्यक्रम में विभिन्न कॉलेजों के करीब 800 से अधिक स्टूडेंट उपस्थित रहे। इस दौरान प्रबंधन और इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों को डॉ. वोहरा ने अपने ओजस्वी उद्बोधन में बताया कि किस प्रकार पेशेवर युवा राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दे सकते हैं। भारत कर रहा दुनिया के 150 देशों की सहायता डॉ. वोहरा ने कहा कि अपना पेट काटकर दूसरों की सहायता करना भारत की परंपरा रही है।

यही कारण है कि हम आज भी दुनिया के 150 देशों की सहायता कर रहे हैं। भारत दुनिया की तीसरी बड़ी सैन्य शक्ति है। आज हमारे पास स्वयं की बनाई अग्नि प्राइम जैसी मिसाइल है। सबसे बड़े गर्व की बात ये है कि इस स्वदेशी मिसाइल को हमारी भारत की ही एक बेटी ने बनाया है। उन्होंने कहा आज हम जिस तरह तेजी से विकास कर रहे हैं, उससे लगता है कि हम 2047 के पहले ही विकसित राष्ट्र बन जाएंगे। डॉ वोहरा ने बताया कि आज देशभर की 140 कंपनियां स्पेस कार्यक्रम में हिस्सा ले रही हैं। हर सेकंड में 5 हजार डिजीटल ट्रांजेक्शन हो रहे हैं। देश के 1400 कॉलेज एआई का प्रशिक्षण दे रहे हैं। प्रतिदिन 28 किलोमीटर हाईवे का निर्माण, एक साल में 8 एयरपोर्ट का निर्माण और हर साल 02 मेट्रो का निर्माण हमारे विकास की गति का प्रमाण है।

लीक से हटकर सोचें: रिचर्ड सुबह सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। पहले सत्र में उद्यमी बोर्ड के सदस्य और पूर्व सीईओ रिचर्ड रेखी ने युवाओं को संबोधित किया। आरंभिक सत्र का संचालन डॉ निष्ठा त्यागी और डॉ प्रशांत गंगराडे ने किया। आभार प्रदर्शन राजीव अग्रवाल ने किया। रेखी ने कहा कि सफलता का सबसे बड़ा मंत्र है लीक से हटकर सोचना। आपके मन में नवोन्वेषी विचार आना चाहिए और इसी आधार पर जीवन में निवेश करें। सफलता के लिए असफलता का जश्न मनाना जरूरी है। सफलता के लिए देखें सपने: मणि इसके बाद दूसरे सत्र में कोच फैक्ट्री के पूर्व महाप्रबंधक सुधांशु मणि ने वंदे भारत प्रोजेक्ट के अनुभव साझा कर लीडरशीप और टीम वर्क को लेकर मार्गदर्शन दिया। सफलता के लिए छात्रों से सपने देखने की अपील की और कहा कि अधिक संभावनाओं का सपना देखें, शुरुआतकर्ता बनें, अपने संगठन और काम से प्यार करें। यदि उत्साह के साथ बदलावों को अपनाएंगे तो आप ऊंचाइयों को छू सकेंगे।

आत्मविश्वास और मेहनत सफलता के मंत्र: डॉ. शिखा दोपहर के सत्र में न्यूट्रवेल हेल्थ इंडिया लिमिटेड की संस्थापक डॉ. शिखा नेहरू शर्मा ने कहा कि सफल होने में समस्याएं भी आपकी मददगार बनती हैं। समस्याओं से निपटने के लिए आत्मविश्वास और मेहनत दो ऐसे मंत्र हैं, जो समस्याओं को सफलता में बदल देते हैं। इस दौरान उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए छात्रों को सफलता के टिप्स दिए।

उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने कॉलेज में अपने साथ हुई रैगिंग के खिलाफ आवाज उठाई और उन छात्रों को भी प्रोत्साहित किया जो अंतर्मुखी हैं। कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञों के साथ पैनल डिस्कशन भी हुआ। इस दौरान विशेषज्ञों ने उपस्थितजनों से सवाल-जवाब के माध्यम से संवाद भी किया। शाम को आभार प्रदर्शन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

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